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कुतुबद्दीन ऐबक :गुलाम बंस kutubddin aibak

* कुतुबद्दीन ऐबक (1206AD-1210AD). *               Kutubddin aibak (1206AD-1210AD).                         जन्म(born):- 1150AD तुर्किस्तान काज़ाकिस्तान                    मौत(death):- 1 दिसंबर 1210AD लाहौर पाकिस्तान।            बच्चे(children):- आराम शाह कुतुब बेगम।                         निर्माण(construction):- कुतुबमीनार ढाई दिन का झोपड़ा   परिचय:कुतुबद्दीन ऐबक का जन्म तुर्किस्तान में हुआ था! ऐबक तुर्क जनजाति से ताल्लुक रखते थे ! ऐबक का अर्थ होता है "चंद्रमा का देवता" बचपन में इसे फखरुद्दीन अब्दुल अज़ीज़ कुकी ने निशापुर के बाजार से खरीदा ! बचपन में ही इन्होंने कुरान मजीद याद कर लिया जिसके कारण इन्हें "कुरान खां" नाम से भी जाना जाता है! बाद में मस्जिद के काजी ने उन्हें मोहम्मद गौरी को बेच दिया। गौरी ने इनकी काबलियत से खुश होकर गुनशाला का प्रमुख "अमीर ए आखुर" बना दिया।ऐबक ने दिल्ली के निकट "इंद्रप्रस्थ" को अपना मुख्यालय बनाया। इन्होंने सुलतान की उपाधि धारण नहीं की बल्कि मालिक और शिपह सलार की उपाधि धारण की। इनके समय में मोहम्मद गौरी के दास बख्तियार खिलजी ने बंगाल को जीत लिया ओर नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय को नष्ट करके आग लगा दी। जिससे बौद्ध धर्म का पतन हो गया। 1210AD में पोलो खेलते समय घोड़े से गिरकर कुतुबुद्दीन ऐबक मौत हो गई।        निर्माण कार्य : इन्होंने अजमेर में ढाई दिन का झोपड़ा नामक मस्जिदका निर्माण कराया। इन्होंने अपने गुरु या पीर बख़्तियार काकी की याद में दिल्ली के मेहरोली में कुतुबमीनार का निर्माण कराया। इन्होंने दिल्ली में इस्लामी पद्धति पर" कुब्बत उल इस्लाम" मस्जिद बनाई।   Introduction: Qutubuddin Aibak was born in Turkistan!  Aibak belonged to the Turkic tribe!  Aibak means "God of the Moon" when bought by Fakhruddin Abdul Aziz Kuki from the market of Nishapur in childhood!  As a child, he memorized Quran Majid, due to which he is also known as "Quran Khan".  The Qazi of the mosque later sold him to Mohammad Gauri.  Gauri, happy with his ability, made "Amir-e-Aakhur" the head of the Gunshala. Aabak made "Indraprastha" his headquarters near Delhi.  He did not hold the title of Sultan but the title of owner and shipah salar.  During his time, Mohammad Gauri's slave Bakhtiar Khilji conquered Bengal and set Nalanda and Vikramshila University on fire.  Which led to the downfall of Buddhism.  He died by falling from a horse while playing polo in 1210AD.  Construction work: He built a two-and-a-half-day slum mosque in Ajmer.  He built Qutub Minar in Mehroli, Delhi, in memory of his guru or Pir Bakhtiar Kaki.  He built the "Kubbat ul Islam" mosque on the basis of Islamic method in Delhi.

        युद्ध में भाग: ऐबक ने तराईन  दूसरे युद्ध "1192AD"" में मोहम्मद गौरी के साथ मिलकर प्रथ्वी राजचोहान को हराया। बाद में गौरी ने ऐबक को भारत के प्रदेशों का सूबेदार बना दिया। ऐबक ने अजमेर मेरठ आदि स्थानों के बिद्रोह को दबाया। "1194AD"" में चंदाबर के युद्ध में मोहम्मद गौरी ने जयचंद को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। "1197AD"" में ऐबक ने गुजरात की राजधानी अन्हिलबाड  को लूटा तथा बहां के शासक भीमदेव को दण्डित किया। "1202AD" में उसने बुन्देलखण्ड के राजा "पर्मारीदेव" को हराया और कालिंजर महोबा ओर खजुराहो पर अधिकार कर लिया। गौरी द्बारा खुखुरों को "1205AD" में हराने में ऐबक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।   Participation in the battle:Aibak defeated the Prithvi Rajchohan with Mohammad Gauri in the Tarain Second War "1192AD". Later, Gauri made Aibak the Subedar of the territories of India. Aibak suppressed the Bidrohas of places like Ajmer, Meerut. "  In the Battle of Chandabar in 1194AD "Mohammad Gauri played an important role in defeating Jayachand.  In "1197AD" "Aibak looted the capital of Gujarat, Anhilbad and punished Bhimdev, the ruler of Bahan. In" 1202AD "he defeated King" Permaridev "of Bundelkhand and captured Kalinjar Mahoba and Khajuraho.  Aibak played a key role in defeating "1205AD". 
                                                                                     निष्कर्ष: लाखो का दान देने के कारण उन्हें "लाखबख्स" कहा जाता है। ओर हाथियों का दान देने के कारण"पीलबख्स" कहा जाता है। Conclusion:   Due to the donation of lakhs, they are called "lakhbakhs".  And the reason for donating elephants is called "Peelbakhs".)                                                                                                काा।       

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