
Join my whatsup group .
जीवन परिचय:ऐबक की मौत के बाद "आराम शाह" गद्दी पर बैठा जिससे तुर्क विरोधियों का विरोध बढ़ने लगा जिसे रोकने के लिए बहन के अमीरों ने बदायूं के गवर्नर इल्तुत्मिश को दिल्ली आने का निमत्रण भेजा जिससे जट के मैदान में इल्तुत्मिश ने आराम शाह को हराकर उसके" 8 माह "के"शासन का अंत कर दिया इल्तुत्मिश को उनके बड़े भाइयों ने बाजार में बेच दिया था जहां से" जमालुद्दीन चुस्त काबा" ने उनको खरीद लिया था। जमालुद्दीन चुस्त काबा ने दिल्ली आकर इल्तुत्मिश को ऐबक को ओर एक अन्य गुलाम को "1000 जीटल" बेच दिया। इल्तु्मिश इलबरी तुर्क था। जो ऐबक का गुलाम होने के साथ साथ उसका दामाद भी था। उसने अपनी राजधानी लाहौर की जगह" दिल्ली" को बनाया। इल्तु्मिश ने सुलतान कि उपाधि बग़दाद के खलीफा से प्राप्त की। इल्तु्मिश ने 40 सरदारों का एक संघ बनाया जिसका नाम"तिरकान ए चेहलगनी"था। इल्तु्मिश ने सैनिकों को बेतन देने और उनका हुलिया सुधारने के लिऐ"इकता प्रथा"चलाई। इल्तुतमिश की मौत 30 अप्रैल 1236AD में हो गई। :**Biography After defeating his "8 month" rule, Iltutmish was sold by his elder brothers to the market from where he was bought by "Jamaluddin agile Kaaba". Jamaluddin agile Kaba came to Delhi and sent Iltutmish to Aibak and another Sold the slave "1000 Jettles". Iltumish was an Ilbari Turk. Who was Aibak's slave as well as his son-in-law. He made his capital "Delhi" in place of Lahore. Iltumish obtained the title of Sultan from the Caliph of Baghdad. . Iltumish formed a confederacy of 40 chieftains called "Tirkan a Chehalgani". Iltumish carried out the "Ikta custom" to betray soldiers and improve their hulia. Iltutmish died on 30 April 1236AD.निर्माण कार्य: इल्तुत्मिश को भारत में गुंबद निर्माण का पिता कहा जाता है। इल्तुतिश ने कुतुबमीार को पूरा कराया। इल्तु्मिश ने बदायूं में"होज ए ख़ास शम्सी" ईदगाह का निर्माण कराया। उसने सुलतागड़ई का निर्माण किया। लड़े गए युद्ध: तराईन के तीसरे युद्ध"1216AD" में इल्तुत्मिश ने यालदोस को हराया। इल्तुतमिश ने" 1226AD" में बंगाल पर विजय प्राप्त करके दिल्ली को सल्तनत का सूबा बनाया। इनके समय मंगोल शासक चागेज़ खां ने तुर्की पर आक्रमण किया जिससे इल्तुत्मिश ने बचाया। इल्तुत्मिश ने 1226AD रणथंभौर को जीतकर परमारो की राजधानी"मंदसौर" पर अधिकार कर लिया। दरबारी लेखक: इल्तुत्मिश के दरबारी लेखक"मिनहास उल सिराज" मिनहास उल सिराज ने प्रसिद्ध ग्रन्थ त"तावकाते नसिरी"की रचना की।
Comments
Post a Comment